किसी जादूगर की कला हो, या कोई जादूगरनी हो तुम किसी ग़ज़ल का मतला हो, या पूरी ग़ज़ल-ए-कशिश हो तुम.. तारीफ़ में तुम्हारी किसकी मिसाल दूं, तारीफ़ के अल्फाज भी तुम, मिसाल-ए-तारीफ हीं हो तुम!